
मन अच्छा - अच्छा लगा
जैसा की हो जाता है
कभी - कभी
होठों पे मुस्कराहट
फ़ैल रही थी यूं ही
हर किसी से बात करना
अच्छा लग रहा था
पानी नही आ रहा था
फिर भी गुस्सा नही आया
हर पल के साथ एक
सुकून मिल रहा था दिल को
अचानक ही मै हँस पडी
बेवजह ही
ये बेवजह हँसी काफी गहराई तक
ठंढक पहुँचा गयी
जिसका अहसास कई दिनों तक
कम नही हुआ
सुकून के पल ऐसे ही आते है
बेवजह हँसी बन
बिना बताये अचानक
संजो कर रखा उसे
अगली बेवजह हँसी के आने तक